Ordonnance qui juge, en exécution des ordres du Conseil, que lorsqu'un curé à portion congruë peut forcer les gros décimateurs à reprendre le quart des dîmes qu'il avoit abandonné, & se faire payer la portion congruë en argent, il n'est dû aucun centième-denier pour les actes qui contiennent de pareilles dispositions, parce que chacune des parties a repris ce qui lui appartenoit : du 4 avril 1753
में बचाया:
OCLC: | 1126231247 |
---|---|
निगमित लेखक: | |
अन्य लेखक: | |
भाषा: | French |
प्रकाशित: |
[France] :
[publisher not identified],
[1753?]
|
विषय: | |
ऑनलाइन पहुंच: | LLMC Digital |
स्वरूप: | सरकारी दस्तावेज Monograph ऑनलाइन पहुंच |
रखरखाव के तहत प्रणाली
हमारा लाइब्रेरी मैनेजमेंट सिस्टम अभी रखरखाव के अधीन है
वर्तमान में होल्डिंग्स और आइटम उपलब्धता की जानकारी उपलब्ध नहीं है। कृपया इससे होने वाली किसी भी असुविधा के लिए हमारी क्षमा याचना स्वीकार करें और आगे की सहायता के लिए हमसे संपर्क करें